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लेखिका परिचय

 रचनाकार परिचय  - १-रचनाकार का पूरा नाम - डॉ शिखा कौशिक 'नूतन' (वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर)  २- माता/पिता का नाम - श्रीमती बीना कौशिक / श्री कौशल प्रसाद ३- वर्तमान/स्थायी पता - डॉ शिखा कौशिक , पुत्री-श्री कौशल प्रसाद [एडवोकेट]  कांधला[शामली] पिन -247775  ४-शिक्षा- एम्. ए. [हिंदी ] UGC/NET-हिंदी  ,पीएच- डी [हिंदी] ५-व्यवसाय- अंशकालिक प्रवक्ता [डी.ए.वी.डिग्री  कॉलेज , बुढ़ाना,मुज़फ्फरनगर ] ६-प्रकाशित रचनाओं की संख्या व् विवरण--एक लघुकथा संग्रह[ क्योंकि औरत कट्टर नहीं होती ] , एक कहानी संग्रह [ सरनेम गाँधी ] ,  काव्य-संग्रह[ ये तो मोहब्बत नहीं, नूतन रामायण ] , काली सोच (लघुकथा संग्रह) कई साझा संग्रह [ खामोश ख़ामोशी और हम , शब्द-संवाद , काव्य सलिला आदि ]कहानी संग्रह - पापा लो मैं फिर आ गया (नोशन प्रेस)  ७ -सम्मान  का विवरण  - *उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान,उत्तर प्रदेश  द्वारा लघु कथा संग्रह '' क्योंकि औरत कट्टर नहीं होती '' के लिए ''पंडित बद्री प्रसाद शिन्गलु स्मृति पुरुस्कार''[2015]  से सम्मानित * सृजन  गाथा डॉट कॉम द्वारा मिस्र में आयोजित ग्यारहवें  अन्तर्रा

समर्पण

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                           समर्पण प्रिय ज्येष्ठ भगिनी शालिनी कौशिक जी को जिन्होंने इस कृति के लेखन की निरंतरता को पूर्ण होने तक टूटने न दिया. 

लेखिका की क़लम से

 लेखिका की क़लम से  भारतीय तंत्र विद्या, आध्यात्मिक ज्ञान, शत्रु पक्ष को पराजित करने की अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ-साथ मानवीय भावों के उतार चढ़ाव को अपने भीतर समेटे यह धारावाहिक श्रेणी का लघु उपन्यास एक दस वर्षीय लिटिल प्रिंसेस और उस पर प्राण न्यौछावर करने वाली उसकी दादी मां व प्रिय डॉगी कैप्टन के चरित्रों से युक्त रहस्य, रोमांच, जीवन संघर्ष की अद्भुत कहानी है। मानवीय जीवन में किस क्षण कौन-सा संकट प्राण घातक रूप में आक्रमण कर दे? इसका आभास किसी को भी नहीं हो सकता है किंतु मानवीय जिजीविषा के समक्ष ब्रह्मांड की कोई भी नकारात्मक शक्ति विजित नहीं हो सकती है - यह भी सत्य है। सत्य व कल्याण के मार्ग चलने वाले मानव की सहायता ईश्वरीय सृष्टि का हर प्राणी करने के लिए तत्पर रहता है। कल्पना व यथार्थ घटनाओं के मंजुल समन्वय वाली प्रस्तुत कथा में भारतीय तंत्र विद्या व तांत्रिक वर्ग के प्रति सामान्य जन के ह्रदय में व्याप्त नकारात्मकता को भी दूर करने का प्रयास किया गया है। सच्चा तांत्रिक सदैव मानवीय हित में तंत्र विद्या का प्रयोग करता है - यह अटल सत्य है। छल, कपट पर सत्यमेव जयते के सार्वभौमिक सिद्धा
  नारी की कोमल काया व् कोमल मन को हमारे समाज में नारी की कमजोरी व् बेवकूफी कह लें या काम दिमाग के रूप में वर्णित किये जाते हैं .नारी को लेकर तो यहाँ तक कहा जाता है कि इसका दिमाग घुटनों में होता है और नारी की यही शारीरिक व् मानसिक स्थिति है जो उसे पुरुष सत्ता के समक्ष झुके रहने को मजबूर कर देती है लेकिन ऐसा नहीं है कि केवल हमारे समाज की नज़रों में ही नारी कमजोर व् बेवकूफ है बल्कि हमारा कानून भी उसे इसी श्रेणी में रखता है और कानून की नज़रें दिखाने को भारतीय दंड संहिता की ये धाराएं हमारे सामने हैं - *धारा 493 -हर पुरुष जो किसी स्त्री को ,जो विधि पूर्वक उससे विवाहित न हो ,प्रवंचना से यह विश्वास कारित करेगा कि वह विधिपूर्वक उससे विवाहित है और इस विश्वास में उस स्त्री का अपने साथ सहवास या मैथुन कारित करेगा ,वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से ,जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी ,दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा . *धारा 497 -जो कोई ऐसे व्यक्ति के साथ ,जो कि किसी अन्य पुरुष की पत्नी है ,और जिसका किसी अन्य पुरुष की पत्नी होना वह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है ,उस पुर

कानूनी आलेख

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 नारी नहीं है बेचारी        दुष्कर्म आज ही नहीं सदियों से नारी जीवन के लिए त्रासदी रहा है .कभी इक्का-दुक्का ही सुनाई पड़ने वाली ये घटनाएँ आज सूचना-संचार क्रांति के कारण एक सुनामी की तरह नज़र आ रही हैं और नारी जीवन पर बरपाये कहर का वास्तविक परिदृश्य दिखा रही हैं . भारतीय दंड सहिंता में दुष्कर्म ये है - भारतीय दंड संहिता १८६० का अध्याय १६ का उप-अध्याय ''यौन अपराध ''से सम्बंधित है जिसमे धारा ३७५ कहती है- [ I.P.C. ] Central Government Act Section 375 in The Indian Penal Code, 1860 375. Rape.-- A man is said to commit" rape" who, except in the case hereinafter excepted, has sexual intercourse with a woman under circumstances falling under any of the six following descriptions:- First.- Against her will. Secondly.- Without her consent. Thirdly.- With her consent, when her consent has been obtained by putting her or any person in whom she is interested in fear of death or of hurt. Fourthly.- With her consent, when the man knows that he is not her husband, and that her
 Writer Honored at national and international forums. First short story collection(kyonki aurat kattar nahi hoti by - Because a woman is not a fanatic) honored by Uttar Pradesh hindi Sansthan with Pandit Badri Prasad Shinglu Smriti Samman.

परिचय - डॉ शिखा कौशिक नूतन

 रचनाकार परिचय  - १-रचनाकार का पूरा नाम - डॉ शिखा कौशिक 'नूतन' (वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर)  २- माता/पिता का नाम - श्रीमती बीना कौशिक / श्री कौशल प्रसाद ३- वर्तमान/स्थायी पता - डॉ शिखा कौशिक , पुत्री-श्री कौशल प्रसाद [एडवोकेट]  कांधला[शामली] पिन -247775  ४-शिक्षा- एम्. ए. [हिंदी ] UGC/NET-हिंदी  ,पीएच- डी [हिंदी] ५-व्यवसाय- अंशकालिक प्रवक्ता [डी.ए.वी.डिग्री  कॉलेज , बुढ़ाना,मुज़फ्फरनगर ] ६-प्रकाशित रचनाओं की संख्या व् विवरण--एक लघुकथा संग्रह[ क्योंकि औरत कट्टर नहीं होती ] , एक कहानी संग्रह [ सरनेम गाँधी ] ,  काव्य-संग्रह[ ये तो मोहब्बत नहीं, नूतन रामायण ] , काली सोच (लघुकथा संग्रह) कई साझा संग्रह [ खामोश ख़ामोशी और हम , शब्द-संवाद , काव्य सलिला आदि ] ७ -सम्मान  का विवरण  - *उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान,उत्तर प्रदेश  द्वारा लघु कथा संग्रह '' क्योंकि औरत कट्टर नहीं होती '' के लिए ''पंडित बद्री प्रसाद शिन्गलु स्मृति पुरुस्कार''[2015]  से सम्मानित * सृजन  गाथा डॉट कॉम द्वारा मिस्र में आयोजित ग्यारहवें  अन्तर्राष्ट्रीय हिंदी  सम्मलेन[2016] में सहभागिता व् कविता