लेखिका की क़लम से
लेखिका की क़लम से
भारतीय तंत्र विद्या, आध्यात्मिक ज्ञान, शत्रु पक्ष को पराजित करने की अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ-साथ मानवीय भावों के उतार चढ़ाव को अपने भीतर समेटे यह धारावाहिक श्रेणी का लघु उपन्यास एक दस वर्षीय लिटिल प्रिंसेस और उस पर प्राण न्यौछावर करने वाली उसकी दादी मां व प्रिय डॉगी कैप्टन के चरित्रों से युक्त रहस्य, रोमांच, जीवन संघर्ष की अद्भुत कहानी है। मानवीय जीवन में किस क्षण कौन-सा संकट प्राण घातक रूप में आक्रमण कर दे? इसका आभास किसी को भी नहीं हो सकता है किंतु मानवीय जिजीविषा के समक्ष ब्रह्मांड की कोई भी नकारात्मक शक्ति विजित नहीं हो सकती है - यह भी सत्य है। सत्य व कल्याण के मार्ग चलने वाले मानव की सहायता ईश्वरीय सृष्टि का हर प्राणी करने के लिए तत्पर रहता है। कल्पना व यथार्थ घटनाओं के मंजुल समन्वय वाली प्रस्तुत कथा में भारतीय तंत्र विद्या व तांत्रिक वर्ग के प्रति सामान्य जन के ह्रदय में व्याप्त नकारात्मकता को भी दूर करने का प्रयास किया गया है। सच्चा तांत्रिक सदैव मानवीय हित में तंत्र विद्या का प्रयोग करता है - यह अटल सत्य है। छल, कपट पर सत्यमेव जयते के सार्वभौमिक सिद्धांत को पुनर्स्थापित करता यह लघु - उपन्यास पाठक वर्ग के मन व मस्तिष्क को यदि तिनका भर भी आनंदित कर पाने में सफल होता है तो निश्चित रूप से इस लघु उपन्यास का लेखन मुझे संतुष्टि प्रदान करेगा। मंगलकामनायें।
-डॉ शिखा कौशिक नूतन
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